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05:58, 10 जुलाई 2014 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=हनुमानप्रसाद पोद्दार
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|संग्रह=पद-रत्नाकर / भाग- 4 / हनुमानप्रसाद पोद्दार
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<poem>
जय श्रीराम, भरत, लक्ष्मण, शत्रुघ्न, जयति, जय कपि हनुमान।
जय जानकी, माण्डवी, जय उर्मिला सती, श्रुतिकीर्ति महान॥
जयति आदिकवि वाल्मीकि, जय शंकर, जय कवि तुलसीदास।
रामायण-रचयिता धन्य, जय उमा कर रहीं बुद्धि-विकास॥
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