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खरापन बालिग़ हो गया है / शिवकुटी लाल वर्मा
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08:36, 21 जुलाई 2014
कि इस विस्तृत घास के मैदान में
बीमारों को ताज़ी हवा मिल सके
साम्प्रदायिकता !
बराय-मेहरबानी इस अहाते को खाली कर दो
मकान की आबो-हवा बदलने के लिए
अनिल जनविजय
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