Changes

गीत बनाएं / दीनदयाल शर्मा

871 bytes added, 16:07, 22 जुलाई 2014
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दीनदयाल शर्मा }}{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyGandhi}} {{KKCatBaa...' के साथ नया पन्ना बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दीनदयाल शर्मा
}}{{KKCatKavita}}{{KKAnthologyGandhi}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>बिस्तर में लेटे-लेटे ही,
आओ कोई गीत बनाएं।
नहीं आए जब कोई गीत तो,
उल्टे-सीधे शब्द सजाएं।

शब्दों का यह खेल है सारा,
शब्दों की ताकत को जानें।
शब्द-शब्द मिल बनती बातें,
शब्दों की ताकत पहचानें।

शब्द सजेगा गीत बनेगा,
गीत को मन ही मन में गाएं।
लय बन जाएगी स्वत: ही,
आओ रलमिल गुनगुनाएं।।</poem>
Delete, Mover, Reupload, Uploader
5,484
edits