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सावन का गीत / रमेश रंजक
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06:56, 18 अगस्त 2014
धरती पर लहराएगा पानी
हवा करेगी अपनी मनमानी
कहीं बिजली चमकेगी ।
हमारी नाव चलेगी ।।
गीत उठेंगे अँगड़ाई लेकर
पतनाले बोलेंगे छरर-छरर
धरा की प्यास बुझेगी ।
हमारी नाव चलेगी ।।
</poem>
अनिल जनविजय
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