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जंगल में रात / महेश उपाध्याय
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11:59, 21 अगस्त 2014
थके पंखों के बीच दिए
पड़कुलिया झील सो गई
गल
जंगल
में रात हो गई
शंखमुखी देह मोड़कर
अनिल जनविजय
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