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रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 5
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03:17, 1 जनवरी 2008
'सोचो क्या दृश्य विकट होगा, रण में जब काल प्रकट होगा?
बाहर शोणित की तप्त
धर
धार
, भीतर विधवाओं की पुकार
निरशन, विषण्ण बिल्लायेंगे,
बच्चे अनाथ चिल्लायेंगे
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Devesh.sukhwal