गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
दोहा / भाग 9 / जानकी प्रसाद द्विवेदी
208 bytes added
,
17:01, 31 दिसम्बर 2014
इष्ट रही हमरी सदा, एक सुन्दरी जोय।
हाय हाय कवि जानकी, अन्त कहा गति होय।।90।।
दया सिन्धु जो लहर में, बौरौ तुमहिं हिलोर।
तौ हमरौ कवि जानकी, कहौ कौन है जोर।।91।।
</poem>
Sharda suman
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader,
प्रबंधक
35,146
edits