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सदस्य वार्ता:Sumitkumar kataria

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::सुमित, आपके द्वारा भेजी गयी PDF फ़ाइल से मैं यूनिकोड ठीक से कॉपी नहीं कर पा रहा हूँ। जैसी indentation आप चाहते हैं -वैसी indentation काफ़ी मुश्किल है -इसे किया तो जा सकता है लेकिन यह व्याहवारिक नहीं होगा। इसलिये आप कोलन (:) प्रयोग करके जितनी ठीक हो सके उतनी ठीक indentation के साथ रचनाओं को कोश में जोड़ दीजिये। '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] २०:५९, २४ जनवरी २००८ (UTC)'''
 
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अरे सुमित जी ! भैया, आप इतने अच्छे ढंग से चांद का मुँह टेढ़ा कर रहे हैं कि कुछ वर्षों बाद लोग आप को 'आप' ही नहीं 'बाप' कहना शुरू कर देंगे । इस उम्र में यह हाल है तो आप आगे क्या करेंगे ? ख़ैर, आपकी बात का मान रखते हुए आगे 'तुम' ही कहूंगा ।
भैया मेरे, शाबास ! बहुत अच्छा काम कर रहे हो । मैं तुम्हारे साथ हूँ । कविता में रुचि लेते हो, कविता पढ़ते हो तो कविता लिखते भी होंगे ? या अभी लिखना शुरू नहीं किया है ? हिन्दी भाषा की और हिन्दी साहित्य की समझ इसी उम्र में विकसित होकर मज़बूत बनेगी । इसलिए ख़ूब ज़्यादा से ज़्यादा साहित्य पढ़ने की कोशिश करना ।
मैं अपना ई-मेल का पता लिख रहा हूँ, कभी भी कोई बात पूछनी हो या कुछ कहना हो तो मुझे लिख सकते हो । तुम जैसे नौजवान हैं तो भारत का भविष्य और हिन्दी का भविष्य उज्जवल है ।
 
 
सिर्फ़ इस बात का ख़्याल रखो कि हिन्दी में 'पूछना' क्रिया के लिए 'से' कारक का इस्तेमाल होता है ।
यानि "मुक्तिबोध को बिना पूछे" की जगह "मुक्तिबोध से बिना पूछे" लिखना चाहिए ।
अनिल जनविजय, aniljanvijay@gmail.com
 
 
==पुस्तक की शैली==
सुमित जी, पुस्तक की शैली का अर्थ है कि पुस्तक में जो सामग्री है वह किस शैली (छंद, विधा इत्यादि) में लिखी गयी है। आपने कहा ''"मुझे कविता कोश पर एक कविता संग्रह बता दीजिए, जिसमें किसी ने विषय और शैली की लाइन में कुछ भरा हो।"'' -तो चलिये आपको बताने का प्रयास करता हूँ: [[रामचरितमानस / तुलसीदास]] को देखिये -यहाँ शैली दी गयी है -और भी कई संग्रहों में आपको गीत, ग़ज़ल इत्यादि शैली मिल जाएगी। आपने "भूमिका" की बात भी की। यदि आप पुस्तक की भूमिका भी जोड़ना चाहते हैं तो उसे रचनाओं के सूची में ही <nowiki>[[भूमिका / संग्रह का नाम]]</nowiki> के प्रारूप में जोड़ सकते हैं। ऐसा पहले भी हो चुका है -परन्तु मुझे याद नहीं आ रहा कि किस संग्रह में ऐसा किया गया था। आशा है आपके उत्तेजित प्रश्न को उसका संतोषजनक उत्तर मिल गया होगा :-) आप कोश में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं! '''--[[सदस्य:Lalit Kumar|Lalit Kumar]] ०९:२३, ३ फरवरी २००८ (UTC)'''
 
प्रिय भाई सुमित, 'मुझे याद आते हैं' में आवश्यक सुधार कर उसे यथास्थान सुरक्षित भी कर दिया है।--[[सदस्य:Hemendrakumarrai|Hemendrakumarrai]] १५:३१, ३ फरवरी २००८ (UTC)
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