460 bytes added,
12:54, 20 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
}}
{{KKCatBagheliRachna}}
<poem>
दइ टटिया निकरि चला हो
अरे निकरि चला महराज हो
दे टटिया निकरि चला हो
कौने माया मा अरझे हैं प्रान हो
दे टटिया निकरि चला
</poem>