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13:25, 20 मार्च 2015 {{KKGlobal}}
{{KKLokRachna
|भाषा=बघेली
|रचनाकार=अज्ञात
|संग्रह=
}}
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<poem>
मछरिया साबुन लै गै धोबिया हालै विहाल
धोबिया धोवै कापड़ा कि झांझ मऊ के घाट
मछरिया साबुन लै गै कि धोबिया हालै विहाल
</poem>