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हाथ उठाकर क़िबला-रू कहने लगे
इश्क़ में ये दिल की महवीयत ऐसी थी कैफ़ीयत 'रक़ीब'ख़ामशी ख़ामुशी को गुफ़्तगू कहने लगे
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