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सृजन के जीन / किरण मिश्रा
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07:08, 13 अप्रैल 2015
आने वाला कल एण्टी-एजिंग साइंस का है
ये
में
मैं
रख जाऊँगी उन पीढ़ियों के लिए जो
आधे मशीन बने असन्तुष्ट अवसाद में घिरे
खोज रहे होंगे सन्तुष्टि और सृजन के जीन को
</poem>
अनिल जनविजय
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