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17:08, 30 अप्रैल 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निशान्त
|संग्रह=धंवर पछै सूरज / निशान्त
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<poem>
गाडियां पर चिप्यौड़ा पर्चा
मारै हा पळका
‘हम हैं दूल्हे वाले’
फूंडीज्योड़ा करै हा ‘डांस’
गावै हा भूंडा गीत
बणावै हा ‘मूवी’
बीघै ‘क में तण्यै टैंट में
मावै नीं हा
जांवती बेळा
बां पै’र ली
आंगळ्यां में मूंदड़ी
टेच्यां में भर लिया आकरा नोट।
छोरी आळै घणौ दियो
थोड़ो बतायो
बां हीं ! हीं ! करतां
कैयो-भौत है ! भौत है !
ई ब्याव में
ब्या’ व
बाकी सारै कीं में
रूळग्यो सो
</poem>
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