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10:16, 4 मई 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=निशान्त
|संग्रह=धंवर पछै सूरज / निशान्त
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<poem>
जित्ता महताऊ होवै बड़ा काम
उत्ता ई महताऊ होवै छोटा काम
जियां जित्तो जरूरी है
‘युनियन’ रै जलसै में जाणों
उत्तौ ई जरूरी है टाबर नै
दुवाई दिरा’र ल्याणो
असल में बड़ा काम आदमी
छोटा सूं औसाण मिल्यां ई
कर सकैं।
</poem>
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