929 bytes added,
10:23, 4 मई 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशान्त
|संग्रह=धंवर पछै सूरज / निशान्त
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatRajasthaniRachna}}
<poem>
सै‘र में
‘गैर कानूनी कब्जा हटाओ’
अभियान चाल्यो तो
ठा पड़्यो कै
कब्जा सिर्फ
गरीब-गुरबां ईं नी
धाप्या-धूंस्यां
लोगां ई कर राख्या है।
फसलमारी
बेरूजगारी
आ काळ सूं
मारीजेड़ा लोगां में
आ जुड़्या
तोड़-फोड़ी री
मार में आयेड़ा
लोग ई
लागै बिधाता अर
सरकार चावै
बच्यो नीं रैवै
कोई सुखी।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader