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10:41, 9 मई 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=निशान्त
|अनुवादक=
|संग्रह=आसोज मांय मेह / निशान्त
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<poem>
बीं रो फटफटियो छोडै
धुंअै रा गोट
बोलेड़ो सुणीजै कोनी
आवै झाळ
फड़फड़ावै कइयां रा
होठ
पण के बंटै?
</poem>
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