Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=दिविक रमेश |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=दिविक रमेश
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>चिड़िया, कभी पंख में भरकर
थोड़ी हवा गाँव की लाना,
चिड़िया, कभी चोंच में भरकर
थोड़ा जल पोखर का लाना!

पंजों में अटका कर अपने
थोड़ी सी मिट्टी भी लाना
खेतों की थोड़ी हरियाली
अपनी आँखों में भर लाना!

कुछ शैतानी अपने तन में
बच्चों की भी तुम भर लाना,
बोली में भर खट्टी-मीठी
उनकी बोली तुम ले आना!

हमें शहर में प्यारी चिड़िया
ऐसे थोड़ा गाँव दिखाना,
जिसे पढ़ा है बस किताब में
उसकी थोड़ी झलक दिखाना।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits