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23:47, 27 सितम्बर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
|अनुवादक=
|संग्रह=
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{{KKCatBaalKavita}}
<poem>चूहा एक ऊँट पर चढ़,
झटपट चला बहादुरगढ़।
राह में गहरा ताल पड़ा,
चूहे का ननिहाल पड़ा।
चूहा खा-पी सो गया,
ऊँट नहाकर खो गया!
</poem>