Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=विष्णुकांत पांडेय |अनुवादक= |संग्...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=विष्णुकांत पांडेय
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>गदहे ने अखबार उलटकर
नजर एक दौड़ाई,
बोला-गाड़ी उलट गई है
गजब हो गया भाई।
बंदर हँसकर बोला-देखो,
उल्टा है अखबार,
इसीलिए उलटी दिखती है
सीधी मोटर कार!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits