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22:54, 29 सितम्बर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=हरि मृदुल
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|संग्रह=
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<poem>लाल टमाटर, हरे टमाटर
सभी टमाटर गोल,
कितने रुपए किलो टमाटर
भैया, जल्दी बोल।
लाल टमाटर, हरे टमाटर
कितने लेने मोल,
अच्छे-ताजे, नए टमाटर
अपना थैला खोल।
लाल टमाटर, हरे टमाटर
एक किलो दे तोल,
लेकिन सब थे सड़े टमाटर
खुली अचानक पोल!
</poem>