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बांसुरी बज रही जंगलों में / रामनरेश पाठक
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शून्य से उठ महाशून्य तक में
अप्सरा बन खिली है वनाली
गंधमाती
आलास
अलस
झूमती-सी
आदि गौरा बनीं कृष्ण काली
Anupama Pathak
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