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03:58, 4 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=देवेंद्रकुमार
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|संग्रह=
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{{KKCatBaalKavita}}
<poem>सुनो कहानी रानी की
सड़कों की महारानी की।
झाडू लेकर आती है
कूड़ा मार भगाती है।
सड़कें चमचम हो जातीं,
वह प्यारी है नानी की!
धुली-पुती है गालों पर,
जाले उलझे बालों पर,
फिर भी हँसती जाती है
बात बड़ी हैरानी की!
आओ उसके मित्र बनें,
अच्छी-अच्छी बात गुनें,
बस कूड़ा न फैलाएँ
शर्त यही महारानी की!
सुनो कहानी रानी की।
</poem>