675 bytes added,
17:52, 5 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रामशंकर चंचल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>आओ भीगें हर गंगे
हम बच्चे!
कुछ नंगे, कुछ अधनंगे
हम बच्चे!
शोर मचाते
हँसते-गाते,
बिना पंख के
नभ छू आते।
हमसे मत लेना पंगे
हम बच्चे!
कागज लाते
नाव बनाते,
पानी में-
उसको तैराते।
पानी बीच करें दंगे
हम बच्चे!
</poem>