Changes

बाबा जी / राजेंद्र 'मिलन'

504 bytes added, 20:22, 5 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेंद्र 'मिलन' |अनुवादक= |संग्रह= }}...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=राजेंद्र 'मिलन'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>गलियों में घूमा करते हैं,
दाढ़ी वाले बाबा जी।
इकतारे पर गाते रहते,
जाने क्या-क्या बाबा जी।
माँ जब उनको आटा देती,
शंख बजाते बाबा जी।
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits