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23:19, 5 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=यादराम 'रसेंद्र'
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>दूध देखकर, आँख फाड़कर,
बोली मेरी नानी,
‘अरे दूधिए, हद है भैया,
दूध बनाा पानी।’
हाथ जोड़कर कहे दूधिया,
‘‘कसम राम की, मैया
मैंने नहीं मिलाया, पानी
अधिक पी गई गैया!’
</poem>