Changes

अश्शु भइया / श्रीकान्त जोशी

1,419 bytes added, 17:15, 6 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अश्शु भइया |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCatBaa...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=अश्शु भइया
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatBaalKavita}}
<poem>अश्शु भइया राजा है,
अश्शु भइया शेर!

जब हँसता है तो हँसता है
अपने सच्चे मन से,
जो कहता है, सो कहता है
बेहद अपनेपन से।
काम तुरत कर लेता अपना
कभी न करता देर!

अश्शु भइया राजा है,
अश्शु भइया शेर!

अश्शु भइया जब पढ़ता है
डरता नहीं जिरह से,
बात समझ में उसके आती
अक्सर इसी वजह से।
इसीलिए कक्षा में रहता
सदा सवाया सेर!

अश्शु भइया राजा है,
अश्शु भइया शेर!

रोज पहनता अपने कपड़े
अपने ही हाथों से,
और साफ रखता है उनको
स्याही के दागों से।
संग सभी के मिल कर रहता
करता ना मुठभेड़!

अश्शु भइया राजा है,
अश्शु भइया शेर!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits