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अशीर्षक / रामनरेश पाठक

No change in size, 21:51, 7 अक्टूबर 2015
पड़ोसी आँख और दूर कान के बीच
एक इतिहास की छटपटाहट
एक अन्धेखे अनदेखे की रपट
एक टेप रिकार्डर की हलचल होती है.
जहां सभ्यता देह बदलती है
और बच्चे सवाल हल करते हैं
अगली किताबात क़िताबात के लिए.
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