Changes

ये रास्ता / पद्मा सचदेव

985 bytes added, 18:10, 13 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पद्मा सचदेव |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KKCat...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पद्मा सचदेव
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatStreeVimarsh}}
<poem>तुम्हें मालूम था
यह राह वहां नहीं निकलती
जहां पहुंचना है मैंने
तुम उस तरफ जा भी नहीं रहे थे
फिर भी तुम चलते रहे
मेरे साथ-साथ
ये राह तो समाप्त नहीं हो रही
हम दोनों प्रतीक्षा में हैं
मैं अपनी मंज़िल की
तुम मेरी राह की
जाओ तुम वापिस चले जाओ
मैं अपनी राह खुद ही ढूंढ़ लूंगी
राह न मिली तो बना लूंगी
मुझे राह बनानी आती है!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits