Changes

मेरी चिड़िया / रंजना जायसवाल

1,681 bytes added, 21:51, 15 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रंजना जायसवाल |अनुवादक= |संग्रह= }} {...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रंजना जायसवाल
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatStreeVimarsh}}
<poem>जब मैं कहती हूं ‘चिड़िया’ तो
उसके पास होती है तीखी
चोंच
मजबूत पंजे
जानती है वह डाली को मजबूती से पकड़ना
पहचानती है कहां तक है आसमान
उड़ना कहां तक है उसे
समझती है वह
किस फुनगी पर बैठता है बाज़
कैसा होता है जाल
जानती है चिड़िया

तुम कहते हो
लड़की चिड़िया होती है
पर तीखी चोंच और मजबूत पंजे
पसन्द नहीं तुम्हें कि
हथियार की तरह इस्तेमाल कर सके
अपनी सुरक्षा और स्वतन्त्रता के लिए वह

तुम चाहते हो
वह घर की छत को समझे आसमान
फुदके तुम्हारे ही आस-पास
देखे सुने और समझे
तुम्हारे आंखें कान और दिमाग से
जब चाहो बन्द कर सको उसे किसी
पिंजरे में
माफ करना भाई
इतनी अच्छी नहीं हो सकती
मेरी चिड़िया!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits