Changes

मैं चाहती हूं / पूनम तुषामड़

1,061 bytes added, 00:45, 16 अक्टूबर 2015
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=पूनम तुषामड़ |अनुवादक= |संग्रह= }} {{KK...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=पूनम तुषामड़
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
{{KKCatStreeVimarsh}}
<poem>मैं तत्पर हूं
तोड़ने को वह हर मर्यादा
जो मुझे दे
स्त्री होने की सज़ा

मैं तैयार हूं
लोहा लेने को समाज के
पुरुषवादियों सत्ताधारियों स
जो स्त्री को अपने घर में रखे
सुन्दर एक्वेरियम की
कोई सुन्दर मछली समझते हैं
मैं गाना चाहती हूं
उन्मुक्त स्वर में स्त्री
स्वतन्त्रता का सुरीला गीत
और लहराना चाहती हूं
नीला परचम दुनिया की
सबसे ऊंची चोटी पर...!
</poem>
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
2,956
edits