Changes

ले के आता है कोई आग उगलते हुए रंग
ज़िक्र-ए-“ज़ाहिद’’<ref>जाहिद ज़ाहिद कीचर्चा</ref> का बुरा हो कि दिखाये उस ने
हम को उस शोख़ के चेहरे के बदलते हुए रंग
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