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22:04, 28 अक्टूबर 2015 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=मधु आचार्य 'आशावादी'
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<Poem>
मनुष्यों में
मनुष्यता का
रिस्तों में
विश्वास का
शब्दों में
संवेदना का
राज्य में
राम का
नेता में
काम का
सच कहता हूं-
अकाल है ।
'''अनुवाद : नीरज दइया'''
</Poem>
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