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05:15, 13 दिसम्बर 2015 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=रेखा चमोली
|अनुवादक=
|संग्रह=
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>सबके पास होंगे मोबाइल
खूब बातें होंगी
प्रीपेड पोस्टपेड
आस-पास के दस घरों में
चूल्हा नहीं जला
जानकर मिट जाएगी भूख
बहुत लोग हैं
जो घुटने पेट में घुसा सोए है
जानकर
थम जाएगी ठंड
राजकुमार भी नहीं गया
दस दिनों से स्कूल
सुनकर
आंसू पोंछ लेगा
रोता सचिन
नाते-रिष्तेदारों की कुषल/पहुंचेगी मिनटों में
वे सबको अपनी बात कहने का
अवसर देना चाहते हैं। </poem>
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