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मैं जब भी लिखूंगी प्रेम ११ / शैलजा पाठक
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|रचनाकार=शैलजा पाठक
|अनुवादक=
|संग्रह=मैं एक देह हूँ, फिर देहरी
/ शैलजा पाठक
}}
{{KKCatKavita}}
मैं बंध जाती हूं मैं बंधना चाहती हूं तुमसे
तुम मुक्त रहो सभी
बधनों
बंधनों
से।</poem>
Anupama Pathak
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