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|रचनाकार=कमलेश द्विवेदी
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<poem>मेरा-उसका रिश्ता है क्या.
कोई इसको समझा है क्या.

मुझसे तो बस इतना पूछो-
कोई उससे अच्छा है क्या.

जिससे-जिससे हम मिलते हैं,
उन सबसे दिल मिलता है क्या.

देखो उसकी आँखें देखो,
सागर उनसे गहरा है क्या.

तू इतना मुस्काता है क्यों,
तेरा भी दिल टूटा है क्या.
</poem>
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