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दोहे / पृष्ठ ८ / कमलेश द्विवेदी
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10:35, 27 दिसम्बर 2015
कैसे टूटेगी कभी आँगन की दीवार.
80.तेरा बंधन और से लगे हमेशा खास.
इस बंधन में मुक्ति का सदा रहे अहसास.
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Anupama Pathak
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