गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
हंगामा है क्यूँ बरपा / अकबर इलाहाबादी
No change in size
,
03:58, 22 सितम्बर 2008
उस मय से नहीं मतलब दिल जिस से है बेगाना<br>
मक़सूद है उस
मै
मय
से, दिल ही में जो खिंचती है<br><br>
मक़सूद= मनोरथ<br>
Anonymous user
71.111.83.177