गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कभौ निकुंज सून मैं / प्रेमघन
685 bytes added
,
11:47, 30 जनवरी 2016
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
|संग्रह=युगमंगलस्तोत्र / बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
}}
{{KKCatKavita}}
<poem>
कभौ निकुंज सून मैं प्रसून लाय लाय कै।
विशाल माल बाल को पिन्हावते बनाय कै॥
भले बनी ठनी प्रिया सुश्याम संग राजहीं।
प्रभा निहारि हारि हारि काम बाम लाजहीं॥
</poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits