Changes

प्रार्थना - 6 / प्रेमघन

1,015 bytes added, 05:57, 3 फ़रवरी 2016
'{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' |संग्र...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
|संग्रह=प्रेम पीयूष / बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
}}
{{KKCatBrajBhashaRachna}}
<poem>
टेढ़ौ मोर मुकुट कलंगी सिर टेढ़ी राजैं,
::कुटिल अलक मानो अवली मलिन्द की।
लीन्हें कर लकुट कुटिल करै टेढ़ी बातैं,
::चलै चाल टेढ़ी मद मातेई गइन्द की॥
प्रेमघन भौंह बंक तकनि तिरीछी जाकी,
::मन्द करि डारै सबै उपमा कविन्द की।
टेढ़ो सब जगत जनात जबहीं सो आनि,
::बसी मन मेरे बाँकी मूरति गोविन्द की॥
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits