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16:00, 25 मार्च 2016 {{KKGlobal}}
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|रचनाकार=सुधीर सक्सेना
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<poem>
दिल्ली दिल्ली है
कि दिल्ली में लाट है
मुंबई मुंबई
कि गजब का ठाठ है
बचे हैं दरबार
जव तलक भाट हैं
बची है काशी
कि काशी में घाट है
बचा है बीकानेर
कि बीकानेर में पाट है
</poem>
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