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गांधीजी के जन्मदिन पर / दुष्यंत कुमार
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09:47, 19 अप्रैल 2008
वर्तनी
रोशनी जहाँ भी हो<br>
उसे खोज लाऊँगा <br>
कातरता,
चु्पपी
चु्प्पी
या चीखें,<br>
या हारे हुओं की खीज<br>
जहाँ भी मिलेगी<br>
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210.212.160.101