* [[मुझ मानव का, मानस मृणाल ही क्यों / विजयदान देथा 'बिज्जी']]
* [[नयनों में रात बिता दूँगा ! / विजयदान देथा 'बिज्जी']]
* [[जाग्रत कर चिर—प्रसुप्त प्यार मेरा / विजयदान देथा 'बिज्जी']]
* [[मेरे रोम—रोम में ऊषा छाई ! / विजयदान देथा 'बिज्जी']]
* [[इतनी तो मेरी भी सुन लो ! / विजयदान देथा 'बिज्जी']]