Changes

'{{KKGlobal}} {{KKRachna | रचनाकार= दीपक शर्मा 'दीप' }} {{KKCatGhazal}} <poem> हिज़...' के साथ नया पृष्ठ बनाया
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
| रचनाकार= दीपक शर्मा 'दीप'
}}
{{KKCatGhazal}}
<poem>
हिज़्र के सवाल पे बवाल कम नहीं हुआ
चुप रहे भले मग़र मलाल कम नहीं हुआ I

दोस्तों ने डाल दी कबा-ए-ख़ार , हाय रे
ज़िन्दगी-सराय में कमाल कम नहीं हुआ I

इस तरह लगाव था कि सिर कटे को देखकर
धड़ पकड़ लिया गया उछाल कम नहीं हुआ I

सोचते रहे निज़ात किस तरह मिले मग़र
दिन-ब-दिन बढ़ा किया ये जाल कम नहीं हुआ
</poem>