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हमने माना कि हम नहीं अच्छे / दीपक शर्मा 'दीप'
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09:20, 17 सितम्बर 2016
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<poem>
हमने माना कि हम नहीं अच्छे
पर किसी पे सितम नहीं अच्छे I
छोड़िये ना ये बम , नहीं अच्छे I
आदमी तो ये 'दीप' , अच्छा है
कम
कमबखत
के करम नहीं अच्छे I
</poem>
द्विजेन्द्र द्विज
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