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सतीश शुक्ला 'रक़ीब' / परिचय

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"आप से तुम, तुम से तू , कहने लगे" :"अदबनामा":वर्ष-1:अंक-3:पृष्ठ-59:पत्र प्रकाशित:पृष्ठ-61:जनवरी-मार्च 2015 : नरोभास्कर, जालौन उ.प्र.
“रूह कहते हैं जिसको क्या है वो” : अर्बाबे-क़लम : 22/20 : जनवरी-मार्च 2015 : देवास, म.प्र.
“कुछ को तो शबो-रोज़ कमाने की पड़ी है" : रिसाला-ए-इंसानियत : वर्ष - 7: अंक -24: पृष्ठ - 70 : जनवरी-मार्च 2015 : भोपाल म.प्र.
"हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है" -84 वर्षों से अनवरत प्रकाशित उर्दू का अन्तर्राष्ट्रीय रिसाला -"शायर" मुंबई (उर्दू) पेज 47 वॉल्यूम 59(86) इशू अप्रैल 2015 - मुंबई (महाराष्ट्र)
'क्यों जुबां पर मेरी आ गयी हैं प्रिये' : "प्राची प्रतिभा" : वर्ष - 5 : अंक - 60 : पृष्ठ - 34 : अप्रैल 2015 : लखनऊ उ.प्र.
82 : फ्रैंड्स हेल्पलाइन, कोटा (राजस्थान).
"चुप कहाँ रहना कहाँ पर बोलना है" : "प्रेरणा" चतुर्मासिक : पृष्ठ -12 : अंक -47 : 2015 : पुवायां, शाहजहाँपुर उ.प्र.
“ख़ुशी हो तो घर उनके हम कभी जाया नहीं करते” : हिंदी साप्ताहिक "स्वर्ण जयंती प्रतिबिम्ब" :
वर्ष-17: अंक-28:महफ़िले शायरी:30वाँ अंक: नवंबर 2015 : फरीदाबाद (हरियाणा)
"अभावों से ग्रसित ये बस्तियाँ हैं" : "नई लेखनी" : अंक - 9 : पृष्ठ - 25 : जुलाई - दिसम्बर 2015 : बरेली (उ.प्र.)
"एक हो जायेंगे इक दिन जहनो-दिल जुड़ जायेंगे / और मुसाफिर अपने-अपने मोड़ पर मुड़ जायेंगे / बालो-पर भीगे हुए हैं, सूख जाने दो जरा / पेड़ पर बैठे परिंदे , खुद-ब-खुद उड़ जायेंगे" : "बहरे क़त्आत" : हिंदी साप्ताहिक "स्वर्ण जयंती प्रतिबिम्ब" : वर्ष -17 : अंक - 32-33: : 27 दिसम्बर 2015 - 3 जनवरी 2016 : फरीदाबाद (हरियाणा)
'लाखों अरमान थे काग़ज़ पे निकाले कितने" : रिसाला-ए-इंसानियत : वर्ष – 8 : अंक - 28 : पृष्ठ - 47 : पृष्ठ - 3 : पृष्ठ के अन्त में काली पट्टी पर एक शे'र "अदना सा सिपाही ये कहे बहरे अदब का / बन जाऊँगा सुलतान अभी सीख रहा हूँ" : जनवरी-मार्च 2016 : भोपाल म.प्र.
“हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है " / "हर एक लफ़्ज़ पे वो जाँ निसार करता है " / " आँखों ने कह दिया जो कभी कह न पाए लब" : अभिनव इमरोज़ : वर्ष - 5 :अंक - 3 : मार्च 2016 : पृष्ठ- 86 : नई दिल्ली-70
"बेवफ़ाई का सिला भी जो वफ़ा देते हैं" : हिंदी साप्ताहिक "स्वर्ण जयंती प्रतिबिम्ब" : वर्ष -17 : अंक - 28 : महफ़िले शायरी : 31 वाँ अंक : मार्च 2016 : फरीदाबाद (हरियाणा) "न खायी न झूठी क़सम खाएंगे हम / जुदा हो के तुझसे न रह पाएंगे हम // यकीं गर न हो देख लो आज़माकर / बिछड़ने से पहले ही मर जाएंगे हम" : हिंदी साप्ताहिक "स्वर्ण जयंती प्रतिबिम्ब" : "मुक्तक-माला" : वर्ष -18 : अंक – 3 - 4 : पृष्ठ – 2 : 14 - 21 मार्च 2016 : फरीदाबाद (हरियाणा)"आज माहौल दुनिया का खूँरेज़ है"/ : अर्बाबे-क़लम : अंक-26 : पृष्ठ - 20 : वर्ष - 2016 : देवास, म.प्र."बदले मौसम बदलें हम" :"प्राची प्रतिभा": वर्ष - 7 :अंक - 73 : पृष्ठ - 20 : मई 2016 : लखनऊ उ.प्र."हवा के दोश पे किस गुलबदन की ख़ुशबू है " / "आज माहौल दुनिया का खूँरेज़ है" : रिसाला-ए-इंसानियत : अदबनामा ( क़लमकार ) शीर्षक के तहत पूर्ण पृष्ठ : वर्ष – 8 : अंक - 29 : पृष्ठ - 36 : अप्रैल, मई , जून 2016 : भोपाल म.प्र."बदले मौसम बदलें हम" :"माहनामा बे-बाक (उर्दू) : वॉल्यूम - 10 : नम्बर -117 : पृष्ठ - 44 : जून 2016 : मालेगाँव, नासिक - 243203 महाराष्ट्र"वह सताता है दूर जा जा कर" :"प्राची प्रतिभा": वर्ष-7 :अंक-74 : पृष्ठ-35 : जून 2016 : लखनऊ उ.प्र."बदले मौसम बदलें हम" :"माहनामा जहाँ नुमा (उर्दू) : वॉल्यूम - 7 : इशू -2 : पृष्ठ - 8 : जुलाई 2016 : गंगोह, सहारनपुर (उ.प्र.)"उसी के वास्ते रब ने बनाई हैं जन्नत / जो काम नेक़ यहाँ बेशुमार करता है" / ऊँची-उड़ान / प्रेरणा-अंशु / वर्ष - 29 : अंक - 4 : पृष्ठ - 21 : जून 2016 : दिनेशपुर, उत्तराखंड.“बिजलियों सी चमक है तेरी" / "बताऊँ क्यों अजीब हूँ" / "बदले मौसम बदलें हम" / "काश ! इक बार मिल सकूँ उससे" : अभिनव इमरोज़ : वर्ष-5 : अंक-7 : जुलाई 2016 : पृष्ठ-57 : नई दिल्ली – 70."बदले मौसम, बदलें हम" : "अदबनामा" : वर्ष - 3 : अंक - 1 : पूर्णांक - 9 : पृष्ठ - 71 : जुलाई-सितम्बर 2016 : नरोभास्कर, जालौन उ.प्र."आँखों ने कह दिया जो कभी कह न पाए लब" / प्रेरणा-अंशु / वर्ष - 29 : अंक - 5 : पृष्ठ - 25 : पत्र प्रकाशित : पृष्ठ - 05 : जुलाई 2016 : दिनेशपुर, उत्तराखंड."चुप कहाँ रहना, कहाँ पर बोलना है" : "साहित्य कलश" : वर्ष - 3 : अंक - 10 : पृष्ठ - 06 : पत्र प्रकाशित : पृष्ठ - 48 : जुलाई-सितंबर 2016 : पटियाला (पंजाब)"आँखों ने कह दिया जो कभी कह न पाए लब" / "वह सताता है दूर जा जा कर" : गीत गागर : अंक - 15 : पृष्ठ - 35 : पत्र प्रकाशित पृष्ठ - 10 : जुलाई - सितंबर 2016 भोपाल (म.प्र.)"है आदि काल से मानव का आचरण मित्रो" : सार्थक - 2016 : संपादक - मधुकर गौड़ : वर्ष - 30 : पृष्ठ - 22 : अक्तूबर- नवम्बर 2016 : कांदिवली (प), मुंबई - 400067 ."पहले तो बिगड़े समाँ पर बोलना है" : ”अदबी दहलीज़” : पृष्ठ - 13 : जुलाई - सितंबर 2016 : सरायमीर, आज़मगढ़ (उ.प्र.)
आकाशवाणी-प्रसार भारती मुंबई के सम्वाहिका चैनल से रचनाओं/काव्यपाठ का प्रसारण-नवम्बर 2012
पुरस्कार, सम्मान एवं सहभागिता
 
मुंबई, देहली, भोपाल, पुणे, लखनऊ एवं कानपुर में 300 से अधिक मुशायरों, नाशिस्तों, कवि सम्मेलनों और काव्य गोष्ठियों में शिरकत
मुंबई की सामजिक एवं साहित्यिक संस्था आशीर्वाद द्वारा विशेष सम्मान मई 2008
अंजुमन फ़रोग-ए-उर्दू द्वारा दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय ग़ज़ल गोष्ठी "ग़ज़ल उत्सव" में शिरकत और स्मृति चिन्ह : जनवरी 2013.
ख़्वाहिश फाउंडेशन (रजि.) कानपुर द्वारा आयोजित "महफ़िल-ए-सुख़न" में शाल एवं स्मृति चिन्ह द्वारा विशेष सम्मान, आयोजक - श्री महेश मिश्रा एवं श्रीमती अलका मिश्रा - 24 मई 2015.
 
निर्माता / निर्देशक म ना नरहरी जी द्वारा निर्मित 40 रचनाकारों के सामूहिक वीडियो एलबम "दस्तावेज़" में सहभागिता : लोकार्पण दिनांक 03.03.2013 - मुंबई (महाराष्ट्र)
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