उस आदि शक्ति को,<br>
जिसका संबल अविराम,<br>
मेरी शिराओ में प्रवाहित है|है।<br>
उसे अपनी अकिंचनता,<br>
अनन्यता<br>
से बड़ी और क्या पूजा दूँ ?<br><br>
'''शान्ती मंत्र'''<br><br>
<span class="upnishad_mantra">
पूर्ण मिदः पूर्ण मिदं पूर्णात पूर्ण मुदचत्ये,<br>