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जिसका नहीं कोई चेहरा / मोहन राणा
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अगर मूंद लो अपनी आँखें तुम एक पल
वह
आवाज
आवाज़
तुम्हारे मन में
जिसका नहीं कोई चेहरा,
अनिल जनविजय
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