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प्रेम एक फ़रिश्ता / बालकृष्ण काबरा ’एतेश’ / माया एंजलो
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06:25, 22 नवम्बर 2016
अतीत के सुख की स्मृतियाँ
दुख के प्राचीन इतिहास।
किंतु
किन्तु
यदि हम हों साहसी,
प्रेम हमारे मन से
भय के बन्धनों को तोड़ देता है।
अनिल जनविजय
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