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माँ - 4 / डी. एम. मिश्र
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17:20, 1 जनवरी 2017
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समुद्र की गहराई
कौन नाप सका
कौन भाँप सका
पृथ्वी की
अपार सृजन-शक्ति
प्यार के अनेक रूप है
पर, ममता की बराबरी
कौन कर सका
माँ तुम्हारा कलेजा
कितना बडा है
यह मैं तब देखता हूँ
जब तुम
चीटियों के लिए
आटा डालती हो
और उनके लिए भी
ईश्वर से दुआ माँगती हो
</poem>
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