Changes

{{KKRachna
|रचनाकार=डी. एम. मिश्र
|अनुवादक=|संग्रह=आईना-दर-आईना / डी. एम. मिश्र
}}
{{KKCatGhazal}}
कितने अमीर होंगे दस बीस फ़ीसदी बस
कमज़ोर आदमी का मैं त्याग लिख रहा हूँ।
 
सब लोग मैल अपनी मल-मल के धो रहे हैं
असहाय साबुनों का मैं झाग लिख रहा हूँ।
</poem>
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits